Shodashi for Dummies
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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
The worship of those deities follows a specific sequence referred to as Kaadi, Hadi, and Saadi, with Just about every goddess connected to a certain approach to devotion and spiritual exercise.
चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा
The Sri Chakra is usually a diagram fashioned from 9 triangles that encompass and emit out in the central stage.
Following 11 rosaries on the main day of beginning With all the Mantra, you may convey down the chanting to 1 rosary each day and chant 11 rosaries on the eleventh day, on the last working day within your chanting.
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥
संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।
कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।
हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥११॥
Celebrations like Lalita Jayanti emphasize her importance, the place rituals and choices are created in her honor. The goddess's grace is believed to cleanse past sins and guide just here one in the direction of the ultimate objective of Moksha.
बिभ्राणा वृन्दमम्बा विशदयतु मतिं मामकीनां महेशी ॥१२॥